व्यवस्थाविवरण 27:15पवित्र बाइबल“‘वह व्यक्ति अभिशप्त है जो असत्य देवता बनाता है और उसे अपने गुप्त स्थान में रखता है। असत्य देवता केवल वे मूर्तियाँ हैं जिसे कोई कारीगर लकड़ी, पत्थर या धातु की बनाता है। यहोवा उन चीजों से घृणा करता है!’ “तब सभी लोग उत्तर देंगे, ‘आमीन!’ अध्याय देखें |
बीते समय में राजा सुलैमान ने यरूशलेम के निकट विध्वंसक पहाड़ी पर कुछ उच्च स्थान बनाए थे। उच्च स्थान उस पहाड़ी की दक्षिण की ओर थे। राजा सुलैमान ने पूजा के उन स्थानों में से एक को, सीदोन के लोग जिस भयंकर चीज़ अशतोरेत की पूजा करते थे, उसके सम्मान के लिये बनाया था। सुलैमान ने मोआब लोगों द्वारा पूजित भयंकर कमोश के सम्मान के लिये भी एक वेदी बनाई थी और राजा सुलैमान ने अम्मोन लोगों द्वारा पूजित भयंकर चीज मिल्कोम के सम्मान के लिये एक उच्च स्थान बनाया था। किन्तु राजा योशिय्याह ने उन सभी पूजा स्थानों को भ्रष्ट (नष्ट) कर दिया।
दूसरा व्यक्ति अपने रेखा पटकने के सूत का उपयोग करता है। वह तख्ते पर रेखा खींचने के लिए परकार को काम में लाता है। यह रेखा उसे बताती है कि वह कहाँ से काटे। फिर वह व्यक्ति निहानी का प्रयोग करता है और लकड़ी में मूर्तियों को उभारता है। वह मूर्तियों को नापने के लिए अपने नपाई के यन्त्र का प्रयोग करता है और इस तरह वह कारीगर लकड़ी को ठीक व्यक्ति का रूप दे देता है और फिर व्यक्ति का सा यह मूर्ति मठ में बैठा दिया जाता है।
इन वस्तुओं के बारे में ये लोग कुछ सोचते ही नहीं है। ये लोग नासमझ हैं। इसलिए इन लोगों ने अपने मन में कभी नहीं सोचा: “आधी लकड़ियाँ मैंने आग में जला डालीं। दहकते कोयलों का प्रयोग मैंने रोटी सेंकने और माँस पकाने में किया। फिर मैंने माँस खाया और बची हुई लकड़ी का प्रयोग मैंने इस भ्रष्ट वस्तु (मूर्ति) को बनाने में किया। अरे, मैं तो एक लकड़ी के टुकड़े की पूजा कर रहा हूँ!”
यिर्मयाह ने हनन्याह से कहा, “आमीन! मुझे आशा है कि यहोवा निश्चय ही ऐसा करेगा! मुझे आशा है कि यहोवा उस सन्देश को सच घटित करेगा जो तुम देते हो। मुझे आशा है कि यहोवा अपने मन्दिर की चीज़ों को बाबुल से इस स्थान पर वापस लायेगा और मुझे आशा है कि यहोवा उन सभी लोगों को इस स्थान पर वापस लाएगा जो अपने घरों को छोड़ने को विवश किये गए थे।
किन्तु मैं उन्हें उत्तर दूँगा। मैं उन्हें दण्ड दूँगा! तुम्हें उन लोगों से यह कह देना चाहिये, ‘मेरा स्वामी यहोवा कहता हैं: यदि कोई इस्राएली व्यक्ति नबी के पास आता है और मुझसे राय पाने के लिये कहता है तो वह नबी उस व्यक्ति को उत्तर नहीं देगा। उस व्यक्ति के प्रश्न का उत्तर मैं स्वयं दूँगा। मैं उसे तब भी उत्तर दूँगा यदि उसने गन्दी देवमूर्तियाँ रखी हैं, यदि वह उन चीजों को रखता है जो उससे पाप कराती हैं, और यदि वह तब तक उन मूर्तियों की पूजा करता है। उसकी सारी गन्दी देवमूर्तियों के होते हुए भी मैं उससे बात करुँगा।
इस्राएल का कोई भी व्यक्ति तेरी शिक्षाओं पर नहीं चला। वे सभी भटक गये थे। उन्होंने तेरे आदेशों का पालन नहीं किया। मूसा, (जो परमेश्वर का सेवक था) की व्यवस्था के विधान में शापों और वादों का उल्लेख हुआ है। वे शाप और वादे व्यवस्था के विधान पर नहीं चलने के दण्ड का बखान करते हैं और वे सभी बातें हमारे संग घट चुकी हैं क्योंकि हमने यहोवा के विरोध में पाप किये हैं।
मेरे स्वामी और राजा, मेरी बात सुनें! यदि यहोवा ने आपको मेरे विरुद्ध क्रोधित किया है तो उसे एक भेंट स्वीकार करने दें। किन्तु यदि लोगों ने मेरे विरुद्ध आपको क्रोधित किया है तो यहोवा द्वारा उनके लिये कुछ बुरी आपत्ति आने दें। लोगों ने मुझे इस देश को छोड़ने पर विवश किया, जिसे यहोवा ने मुझे दिया है। लोगों ने मुझसे कहा, ‘जाओ विदेशियों के साथ रहो। जाओ अन्य देवताओं की पूजा करो।’