व्यवस्थाविवरण 25:1पवित्र बाइबल“यदि दो व्यक्तियों में झगड़ा हो तो उन्हें अदालत में जाना चाहिये। न्यायाधीश उनके मुकदमें का निर्णय करेंगे और बताएंगे कि कौन व्यक्ति सच्चा है तथा कौन अपराधी। अध्याय देखें |
“यदि दो व्यक्ति किसी खोए बैल, गधा, भेड़, वस्त्र, यदि किसी अन्य खोई हुई चीज़ के बारे में सहमत न हों तो तुम क्या करोगे? एक व्यक्ति कहता है, ‘यह मेरी है।’ और दूसरा कहता है, ‘नहीं, यह मेरी है।’ दोनों व्यक्ति परमेश्वर के सामने जाएँ। परमेश्वर निर्णय करेगा कि अपराधी कौन है। जिस व्यक्ति को परमेश्वर अपराधी पाएगा वह उस चीज़ के मूल्य से दुगुना भुगतान करे।
तुम्हारे शासक विद्रोही हैं और चोरों के साथी हैं। तुम्हारे सभी शासक घूस लेना चाहते हैं। गलत काम करने के लिए वेघूस का धन ले लेते हैं। तुम्हारे सभी शासक लोगों को ठगने के लिये मेहनताना लेते हैं। तुम्हारे शासक अनाथ बच्चों को सहारा देने का यत्न नहीं करते। तुम्हारे शासक अनाथ बच्चों को सहारा देने का यत्न नहीं करते। तुम्हारे शासक उन स्त्रियों की आवश्यकताओं पर कान नहीं देते जिनके पति मर चुके हैं।
वह गरीब लोगों का न्याय ईमानदारी और सच्चाई के साथ करेगा। धरती के दीन जनों के लिये जो कुछ करने का निर्णय वह लेगा, उसमें वह पक्षपात रहित होगा। यदि वह यह निर्णय करता है कि लोगों पर मार पड़े तो वह आदेश देगा और उन लोगों पर मार पड़ेगी। यदि वह निर्णय करता है कि उन लोगों की मृत्यु होनी चाहिये तो वह आदेश देगा और उन दुष्टों को मौत के घाट उतार दिया जाएगा। नेकी और सच्चाई इस पुत्र को शक्ति प्रदान करेंगी। उसके लिए नेकी और सच्चाई एक ऐसे कमर बंद के समान होंगे जिसे वह अपनी कमर के चारों ओर लपेटता है।