जब तुम अपने अंगूर के बागों से अंगूर इकट्ठा करो तब तुम्हें उन अंगूरों को लेने नहीं जाना चाहिए जिन्हें तुमने छोड़ दिया था। वे अंगूर विदेशियों, अनाथों और विधवाओं के लिये होंगे।
तुम सचमुच बरबाद हो जाओगे! देखो! कोई चोर तुम्हारे यहाँ आता है! जब, रात में डाकू आते है! तो वे भी उतना ही चुराकर या लूटकर ले जाते हैं जितना ले जा सकते हैं! तुम्हारे अंगूर के बगीचों में जब अंगूर तोड़ने वाले आते हैं तो अंगूर तोड़ने के बाद वे भी अपने पीछे कुछ न कुछ छोड़ ही जाते हैं।
“तुम अपने खेत की फसल इकट्ठी करते रह सकते हो और तुम कोई पूली भूल से वहाँ छोड़ सकते हो। तुम्हें उसे लेने नहीं जाना चाहिए। यह विदेशियों, अनाथों और विधवाओं के लिए होगा। यदि तुम उनके लिए कुछ अन्न छोड़ते हो तो यहोवा तुम्हारा परमेश्वर तुम्हें उन सभी कामों में आशीष देगा जो तुम करोगे।
जब तुम अपने जैतून के पेड़ों से फली झाड़ोगे तब तुम्हें शाखाओं की जाँच करने फिर नहीं जाना चाहिए। जो जैतून तुम उसमें छोड़ दोगे वह विदेशियों, अनाथों और विधवाओं के लिये होगा।