“तुम्हें एदोमी से घृणा नहीं करनी चाहिए। क्यों? क्योंकि वह तुम्हारा सम्बन्धी है। तुम्हें किसी मिस्री से घृणा नहीं करनी चाहिए। क्यों? क्योंकि उनके देश में तुम अजनबी थे।
तुम मिस्र में कोई भी स्थान उनके रहने के लिए चुन सकते हो। अपने पिता और अपने भाईयों को सबसे अच्छी भूमि दो। उन्हें गोशेन प्रदेश में रहने दो और यदि ये कुशल चरवाहे हैं, तो वे मेरे जानवरों की भी देखभाल कर सकते हैं।”
रजोन अराम पर शासन करता था। रजोन इस्राएल से घृणा करता था, इसलिये सुलैमान जब तक जीवित रहा वह पूरे समय इस्राएल का शत्रु बना रहा। रजोन और हदद ने इस्राएल के लिये बड़ी परेशानियाँ उतपन्न कीं।
अत: इस्राएल के लोगों, अपने बच्चों को उनके बच्चों से विवाह मत करने दो। उनके साथ सम्बन्ध न रखो! और उनकी वस्तुओ की लालसा न करो! मेरे आदेशों का पालन करो जिससे तुम शाक्तिशाली होगे और इस देश की अच्छी चीज़ों का भोग करोगे। तब तुम इस देश को अपना बनाये रखोगे और अपने बच्चों को दोगे।’
तुम्हें विदेशियों के साथ वैसा ही व्यवहार करना चाहिए जैसा तुम अपने नागरिकों के साथ करते हो। तुम विदेशियों से वैसा प्यार करो जैसा अपने से करते हो। क्यों? क्योंकि तुम भी एक समय मिस्र में विदेशी थे। मैं तुम्हारा परमेशवर यहोवा हूँ!
यहोवा ने कहा, “लोगों, मैं तुमसे प्रेम करता हूँ।” किन्तु तुमने कहा, “कैसे पता चले कि तू हमसे प्रेम करता है” यहोवा ने कहा, “एसाव याकूब का भाई था। ठीक किन्तु मैंने याकूब को चुना।
जब मूसा कादेश में था, उसने कुछ व्यक्तियों को एदोम के राजा के पास एक संदेश के साथ भेजा। संदेश यह थाः “तुम्हारे भाई इस्राएल के लोग तुमसे यह कहते हैं: तुम जानते हो कि हम लोगों ने कितनी कठिनाइयाँ सही हैं।