“तुम्हें डेरे के बाहर शौच के लिए जगह बनानी चाहिए
“यदि व्यक्ति का वीर्य निकल जाता है तो उसे सम्पूर्ण शरीर से बहते पानी में नहाना चाहिए। वह सन्ध्या तक अशुद्ध रहेगा।
किन्तु जब शाम हो तब उस व्यक्ति को पानी से नहाना चाहिए और जब सूरज डूबे तो उसे डेरे में जाना चाहिए।
और तुम्हें अपने हथियार के साथ खोदने के लिए एक खन्ती रखनी चाहिए। इसलिए जब तुम मलत्याग करो तब तुम एक गका खोदो और उसे ढक दो।