“किन्तु जो बातें पति ने अपनी पत्नी के विषय में कहीं वे सत्य हो सकती हैं। पत्नी के माता—पिता के पास यह प्रमाण नहीं हो सकता कि लड़की कुवाँरी थी। यदि ऐसा होता है तो
खेतों में याकूब के पुत्रों ने जो कुछ हुआ था, उसकी खबर सुनी। जब उन्होंने यह सुना तो वे बहुत क्रोधित हुए। वे पागल से हो गए क्योंकि शकेम ने याकूब की पुत्री के साथ सोकर इस्राएल को कलंकित किया था। शकेम ने बहुत घिनौनी बात की थी। इसलिए सभी भाई खेतों से घर लौटे।
किन्तु उसका भावी पति यूसुफ एक अच्छा व्यक्ति था और इसे प्रकट करके लोगों में उसे बदनाम करना नहीं चाहता था। इसलिये उसने निश्चय किया कि चुपके से वह सगाई तोड़ दे।
यदि तुम ऐसी बुरी खबर सुनते हो तो तुम्हें उसकी जाँच सावधानी से करनी चाहिए। तुम्हें यह जान लेना चाहिए कि क्या यह सत्य है कि यह भयंकर काम सचमुच इस्राएल में हो चुका है। यदि तुम इसे प्रमाणित कर सको कि यह सत्य है,
वे उस पर चालीस चाँदी के सिक्के जुर्माना करेंगे। वे उस रुपये को लड़की के पिता को देंगे क्योंकि उसके पति ने एक इस्राएली लड़की को कलंकित किया है और लड़की उस व्यक्ति की पत्नी बनी रहेगी। वह अपनी पूरी जिन्दगी उसे तलाक नहीं दे सकता।