तुम ऐसे किसी जानवर को खा सकते हो जिसके खुर दो भागों मे बंटे हों और जो जुगाली करते हों।
मित्रता रहित व्यक्ति अपने स्वार्थ साधता है। वह समझदारी की बातें नकार देता है।
यदि जानवर के खुर दो भागों में बँटे हों और वह जानवर जुगाली भी करता हो तो तुम उस जानवर का माँस खा सकते हो।
“इसलिए तुम उनमें से बाहर आ जाओ, उनसे अपने को अलग करो, अब तुम कभी कुछ भी न छूओ जो अशुद्ध है तब मैं तुमको अपनाऊँगा।”
हिरन, नीलगाय, मृग, जंगली भेड़, जंगली बकरी, चीतल और पहाड़ी भेड़।
किन्तु ऊँटों, खरगोशर या चहानी बिज्जू को न खाओ। ये जानवर जुगाली करते हैं किन्तु इनके खुर फटे नहीं होते। इसलिए ये जानवर तुम्हारे लिए शुद्ध भोजन नहीं हैं।