“यहोवा की स्तुति करो! उसने प्रतिज्ञा की, कि वह अपने इस्राएल के लोगों को शान्ति देगा और उसने हमें शान्ति दी है! यहोवा ने अपने सेवक मूसा का उपयोग किया और इस्राएल के लोगों के लिये बहुत सी अच्छी प्रतिज्ञायें कीं और यहोवा ने उन हर एक प्रतिज्ञाओं को पूरा किया है।
“उस समय तुम्हें उसी प्रकार उपासना करते नहीं रहना चाहिए जिस प्रकार हम उपासना करते आ रहे हैं। अभी तक हममें से हर एक जैसा चाहे परमेश्वर की उपासना कर रहा था।
इसलिए तुम लोगों को अमालेक के लोगों की याद को संसार से मिटा देना चाहिए। यह तुम लोग तब करोगे जब उस देश में जाओगे जिसे यहोवा तुम्हारा परमेश्वर तुम्हें दे रहा है। वहाँ वह तुम्हें तुम्हारे चारों ओर के शत्रुओं से छुटकारा दिलाएगा। किन्तु अमालेकियों को नष्ट करना मत भूलो!
किन्तु तुम्हें अपने इस्राएली सम्बन्धियों की सहायता तब तक करनी चाहिए जब तक वे यरदन नदी के दूसरे किनारे पर उस प्रदेश को पा नहीं लेते जो यहोवा ने दिया है। उनकी तब तक सहायता करो जब तक वे ऐसी शान्ति पा लें जैसी तुमने यहाँ पा ली है। तब तुम यहाँ अपने देश में लौट सकते हो जिसे मैंने तुम्हें दिया है।’
“यहोवा तुम्हारे कारण मुझ से क्रोधित था। उसने एक विशेष वचन दिया: उसने कहा कि मैं यरदन नदी के उस पार नहीं जा सकता। उसने कहा कि मैं उस सुन्दर प्रदेश में प्रवेश नहीं पा सकता जिसे तुम्हारा परमेश्वर यहोवा तुम्हें दे रहा है।
यहोशू ने पूरे इस्राएल प्रदेश पर अधिकार कर लिया। इस बात को यहोवा ने मूसा से बहुत पहले ही कह दिया। यहोवा ने वह देश इस्राएल को इसलिए दिया क्योंकि उसने इसके लिये वचन दिया था। तब यहोशू ने इस्राएल के परिवार समूहों में उस प्रदेश को बाँटा तब युद्ध बन्द हुआ और अन्तिम रूप में शान्ति स्थापित हो गई।