मूसा ने कहा, “उस समय जब मैंने तुमसे बात की थी तब कहा था, मैं अकेले तुम लोगों का नेतृत्व करने और देखभाल करने में समर्थ नहीं हूँ।
तुम्हारे अकेले के लिए यह काम अत्याधिक है। इससे तुम थक जाते हो और इससे लोग भी थक जाते हैं। तुम यह काम स्वयं अकेले नहीं कर सकते।
इसलिए मूसा ने वैसा ही किया जैसा यित्रो ने कहा था।
तब मैं आऊँगा और तुमसे बातें करूँगा। अब तुम पर आत्मा आई है। किन्तु मैं उन्हें भी आत्मा का कुछ अंश दूँगा। तब वे लोगों की देखभाल करने में तुम्हारी सहायता करेंगे। इस प्रकार, तुमको अकेले इन लोगों के लिए उत्तरदायी नहीं होना पड़ेगा।
तब वहाँ के नगर—प्रमुख उस व्यक्ति को पकड़ेंगे और उसे दण्ड देंगे।