किन्तु मेरे शत्रु मेरे पीछे पड़े हैं। उन्होंने मेरा जीवन चकनाचूर कर धूल में मिलाया। वे मुझे अंधेरी कब्र में ढकेल रहे हैं। उन व्यक्तियों की तरह जो बहुत पहले मर चुके हैं।
हम ऐसे लोग हैं जिनके पास आँखें नहीं है। नेत्रहीन लोगों के समान हम दीवारों को टटोलते चलते हैं। हम ठोकर खाते हैं और गिर जाते हैं जैसे यह रात हो। दिन के प्रकाश में भी हम मुर्दों की भाँति गिर पड़ते हैं।