मैं तुम्हारे प्रति अच्छा रहूँगा जिससे तुम मुझे याद करोगी और उन पापों के लिये लज्जित होगी जो तुमने किये। मैं तुम्हें शुद्ध करुँगा और तुम्हें फिर कभी लज्जित नहीं होना पड़ेगा।” मेरे स्वामी यहोवा ने ये बातें कहीं।
कौन जानता है, सम्भव है यहोवा अपना मन बदल ले और यह भी सम्भव है कि वह तुम्हारे लिये कोई वरदान छोड़ जाये। फिर तुम अपने परमेश्वर यहोवा को अन्नबलि और पेय भेंट अर्पित कर पाओगे।
तब हो सकता है कि परमेश्वर की इच्छा बदल जाये और उसने जो योजना रच रखी है, वैसी बातें न करे। हो सकता है परमेश्वर की इच्छा बदल जाये और कुपित न हो। तब हो सकता है कि हमें दण्ड न दिया जाये।
तुम सभी विनम्र लोगों, यहोवा के पास आओ! उसके नियमों को मानो। अच्छे काम करना सीखो। विनम्र होना सीखो। संभव है तब तुम सुरक्षित रह सको जब यहोवा अपना क्रोध प्रकट करे।
“किन्तु वह कर वसूलने वाला जो दूर खड़ा था और यहाँ तक कि स्वर्ग की ओर अपनी आँखें तक नहीं उठा रहा था, अपनी छाती पीटते हुए बोला, ‘हे परमेश्वर, मुझ पापी पर दया कर।’
अब हम यह जानते हैं कि व्यवस्था में जो कुछ कहा गया है, वह उन को सम्बोधित है जो व्यवस्था के अधीन हैं। ताकि हर मुँह को बन्द किया जा सके और सारा जगत परमेश्वर के दण्ड के योग्य ठहरे।