“किसी भी व्यक्ति से बहुत सी ऐसी चीज़ें निकलती है जो शुद्ध नहीं होतीं। कोई व्यक्ति इनमें से दूसरे व्यक्ति की किसी भी अशुद्ध वस्तु को अनजाने में ही छू लेता है तब वह दोषी होगा।
तब यह पवित्र स्थान को लौट सकता है। किन्तु जिस दिन वह भीतरी आँगन के पवित्र स्थान में सेवा करने जाये उसे पापबलि अपने लिये चढ़ानी चाहिये।” मेरा स्वामी यहोवा ने यह कहा।
याजकों को व्यक्ति के चर्म के घाव को देखना चाहिए। यदि घाव के बाल सफेद हो गए हों और घाव व्यक्ति के चर्म से अधिक गहरा मालूम हो तो यह भयंकर चर्म रोग है। जब याजक व्यक्ति की जाँच खत्म करे तो उसे घोषणा करनी चाहिए कि व्यक्ति अशुद्ध है।
“अथवा कोई व्यक्ति किसी ऐसी चीज को छूता है जो अशुद्ध है जैसे अशुद्ध जंगली जानवर का शव या अशुद्ध मवेशी का शव अथवा रेंगने वाले किसी अशुद्ध जन्तु का शव और उस व्यक्ति को इसका पता भी नहीं चलता कि उसने उन चीजों को छुआ है, तो भी वह बुरा करने का दोषी होगा।
“अथवा ऐसा हो सकता है कि कोई व्यक्ति अच्छा या बुरा करने का जल्दी में वचन दे देता है। लोग बहुत प्रकार के वचन जल्दी में दे देते हैं। यदि कोई व्यक्ति ऐसा वचन दे देता है और उसे भूल जाता है तो वह अपराधी है और जब उसे अपना वचन याद आता है तब भी वह अपराधी है।
“सम्भव है कि कोई व्यक्ति कोई ऐसी चीज छू ले जो अशुद्ध है। यह चीज लोगों द्वार या गन्दे जानवर द्वारा या किसी घृणित गन्दी चीज़ द्वारा अशुद्ध बनाई जा सकती है। वह व्यक्ति अशुद्ध हो जाएगा और यदि वह यहोवा के लिए मेलबलि से कुछ माँस खा ले तो उस व्यक्ति को उसके लोगों से अलग कर देना चाहिए।”