“यदि कोई व्यक्ति अपने मकान को पवित्र मकान के रूप में यहोवा को अर्पित करता है तो याजक को इसका मूल्य निश्चित करना चाहिए। इससे कोई अन्तर नहीं पड़ता कि मकान अच्छा है या बुरा, यदि याजक मूल्य निश्चित करता है तो वही मकान का मूल्य है।
किन्तु व्यक्ति यदि जुबलि के बाद खेत का दान करता है तो याजक को वास्तविक मूल्य निश्चित करना चाहिए। उसे अगले जुबली वर्ष तक के वर्षों को गिनना चाहिए। तब वह उस गणना का उपयोग मूल्य निश्चित करने के लिए करेगा।