“अपने लिए मूर्तियाँ मत बनाओ। मूर्तियाँ या यादगार के पत्थर स्थापित मत करो। अपने देश में उपासना करने के लिए पत्थर की मूर्तियाँ स्थापित न करो। क्यों कियोंकि मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूँ!
लोगों ने यहोवा, अपने परमेश्वर के आदेशों का पालन करना बन्द कर दिया। उन्होंने बछड़ों की दो सोने की मूर्तियाँ बनाईं। उन्होंने अशेरा स्तम्भ बनाये। उन्होंने आकाश के सभी नक्षत्रों की पूजा की और बाल की सेवा की।
इस्राएली वही सब करने लगे थे जो दूसरे राष्ट्र करते थे। यहोवा ने उन लोगों को अपना देश छोड़ने को विवश किया था जब इस्राएली आए थे। इस्राएलियों ने भी राजाओं से शासित होना पसन्द किया, परमेश्वर से शासित होना नहीं।
लोग उनकी मूर्तियों की पूजा करते हैं। वे अपने “देवताओं” की डींग हाँकते हैं। लेकिन वे लोग लज्जित होंगे। उनके “देवता” यहोवा के सामने झुकेंगे और उपासना करेंगे।
“मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूँ। मैं तुम्हें मिस्र देश से बाहर लाया। मैंने तुम्हें दासता से मुक्त किया। इसलिए तुम्हें निश्चय ही इन आदेशों का पालन करना चाहिए।
“उनके देवताओं को मत पूजो। उन देवताओं को झूककर कभी प्रणाम मत करो। तुम उस ढंग से कभी न रहो जिस ढंग से वे रहते हैं। तुम्हें उनकी मूर्तियों को निश्चय ही नष्ट कर देना चाहिए और तुम्हें उनके प्रस्तर पिण्ड़ों को तोड़ देना चाहिए जो उन्हें उनके देवताओं को याद दिलाने में सहायता करती हैं।
उस समय, लोग अपनी सोने चाँदी की मूर्तियों को दूर फेंक देंगे। (इन मूर्तियों को लोगों ने इसलिये बनाया था कि लोग उनको पूज सकें।) लोग उन मूर्तियों को धरती के उन बिलों में फेंक देंगे जहाँ चमगादड़ और छछूंदर रहते हैं।
तुम लोग उन लोगों से भूमि ले लोगे जिन्हें तुम वहाँ पाओगे। तुम लोगों को उनकी उत्कीर्ण मूर्तियों और प्रतीकों को नष्ट कर देना चाहिए। तुम्हें उनके सभी उच्च स्थानों को नष्ट कर देना चाहिए।
“और क्योंकि हम परमेश्वर की संतान हैं इसलिए हमें यह कभी नहीं सोचना चाहिए कि वह दिव्य अस्तित्व सोने या चाँदी या पत्थर की बनी मानव कल्पना या कारीगरी से बनी किसी मूर्ति जैसा है।
“‘वह व्यक्ति अभिशप्त है जो असत्य देवता बनाता है और उसे अपने गुप्त स्थान में रखता है। असत्य देवता केवल वे मूर्तियाँ हैं जिसे कोई कारीगर लकड़ी, पत्थर या धातु की बनाता है। यहोवा उन चीजों से घृणा करता है!’ “तब सभी लोग उत्तर देंगे, ‘आमीन!’
दान के परिवार समूह के लोगों ने दान नगर में मूर्तियों की स्थापना की। उन्होंने गेर्शोम के पुत्र योनातान को अपना याजक बनाया। गेर्शोम मूसा का पुत्र था। योनातान और उसके पुत्र दान के परिवार समूह के तब तक याजक रहे, जब तक इस्राएल के लोगों को बन्दी बना कर बाबेल नहीं ले जाया गया।