जो लोग अपनी स्थायी सम्पत्ति बेचेंगे वे उसे कभी नहीं पाएंगे। यदि कोई व्यक्ति जीवित भी बचा रहेगा तो भी वह अपनी स्थायी सम्पत्ति वापस नहीं पा सकता। क्यों क्योंकि यह दर्शन लोगों के पूरे समूह के लिये है। इसलिए यदि कोई व्यक्ति जीवित भी बच निकलता है, तो भी लोग इससे अधिक संतुष्ट नहीं होंगे।
किन्तु यदि घर का स्वामी एक पूरा वर्ष बीतने के पहले अपना घर वापस नहीं खरीदता तो नगर परकोटे भीतरका घर जो व्याक्ति खीदता है उसका और इसके वंशजों का हो जाता है। जुबली के समय प्रधम गृह स्वामी को वापस नहीं होगा।