जब मैं ध्यान से बादलों में मेघधनुष को देखूँगा तब मैं उस स्थायी वाचा को याद करूँगा। मैं अपने और पृथ्वी के सभी जीवित प्राणियों के बीच हुई वाचा को याद करूँगा।”
“सो तुम लोग आज की इस रात को सदा याद रखोगे, तुम लोगों के लिए यह एक विशेष पवित्र पर्व होगा। तुम्हारे वंशज सदा इस पवित्र पर्व को यहोवा की भक्ति किया करेंगे।
“यह पवित्र दिन तुम लोगों को याद रखने में सहायता करेगा अर्थात् तुम लोगों के हाथ पर बंधे धागे का काम करेगा। यह पवित्र दिन यहोवा के उपदेशों को याद करने में तुमको सहायता करेगा। तुम्हें यह याद दिलाने में सहायता करेगा कि यहोवा ने तुम लोगों को मिस्र से बाहर निकालने के लिए अपनी महान शक्ति का उपयोग किया।
तब यहोवा ने मूसा से कहा, “इस युद्ध के बारे में लिखो। इस युद्ध की घटनाओं को एक पुस्तक में लिखो जिससे लोग याद करेंगे कि यहाँ क्या हुआ था और यहोशू से कहो कि मैं अमालेकी लोगों को धरती से पूर्णरूप से नष्ट कर दूँगा।”
तब एपोद के हर एक कंधे की पट्टी पर इन दोनों नगों को जड़ो। हारून यहोवा के सम्मुख जब खड़ा होगा, इस विशेष एपोद को पहनेगा और इस्राएल के पुत्रों के नाम वाले दोनों नग एपोद पर होंगे। यह इस्राएल के लोगों को याद रखने में यहोवा की सहायता करेगा।
तुम लोग भेड़ की अपनी बलियाँ मेरे पास नहीं लाये। तुमने मेरा मान नहीं रखा। तुमने मुझे बलियाँ नहीं अर्पित कीं। मुझे अन्न बलियाँ अर्पित करने के लिए मैं तुम पर ज़ोर नहीं डालता। तुम मेरे लिए धूप जलाते—जलाते थक जाओ, इसके लिए मैं तुम पर दबाव नहीं डालता।
तब वह इसे हारून के याजक पुत्रों के पास लाए। वह व्यक्ति तेल और लोबान से मिला हुआ एक मुट्ठी महीन आटा ले तब योजक वेदी पर स्मृतिभेंट के रूप में आटे को आग में जलाए। यह यहोवा के लिये सुगन्ध होगी
फिर उस अन्नबलि में से याजक इसका कुछ भाग लेकर उसे स्मृति भेंट के रूप में वेदी पर जलायेगा। यह आग द्वारा दी गई एक भेंट है। इस की सुगन्ध से यहोवा प्रसन्न होता है।
तब यीशु ने उनसे कहा, “मैं ही वह रोटी हूँ जो जीवन देती है। जो मेरे पास आता है वह कभी भूखा नहीं रहेगा और जो मुझमें विश्वास करता है कभी भी प्यासा नहीं रहेगा।
मैं ही वह जीवित रोटी हूँ जो स्वर्ग से उतरी है। यदि कोई इस रोटी को खाता है तो वह अमर हो जायेगा। और वह रोटी जिसे मैं दूँगा, मेरा शरीर है। इसी से संसार जीवित रहेगा।”
सो कुरनेलियुस डरते हुए स्वर्गदूत की ओर देखते हुए बोला, “हे प्रभु, यह क्या है?” स्वर्गदूत ने उससे कहा, “तेरी प्रार्थनाएँ और दीन दुखियों को दिया हुआ तेरा दान एक स्मारक के रूप में तुझे याद दिलानेके लिए परमेश्वर के पास पहुचें हैं।
उसने ऐसा इसलिए किया कि वह अपनी महिमामय अनुग्रह के कारण स्वयं को प्रशंसित करे। उसने इसे हमें, जो उसके प्रिय पुत्र में स्थित हैं मुक्त भाव से प्रदान किया।