“मैं (परमेश्वर) हर ऐसे व्यक्ति के विरुद्ध होऊँगा जो खून खाता है। चाहे वह इस्राएल का नागरिक हो या वह तुम्हारे बीच रहने वाला कोई विदेशी हो। मैं उसे उसके लोगों से अलग करूँगा।
तुम्हें विदेशियों के साथ वैसा ही व्यवहार करना चाहिए जैसा तुम अपने नागरिकों के साथ करते हो। तुम विदेशियों से वैसा प्यार करो जैसा अपने से करते हो। क्यों? क्योंकि तुम भी एक समय मिस्र में विदेशी थे। मैं तुम्हारा परमेशवर यहोवा हूँ!
तब मूसा ने इस्राएल के लोगों से बात की और वे उस व्यक्ति को डेरे के बाहर एक स्थान पर लाए, जिसने शाप दिया था। तब उन्होंने उस् पत्थरों से मार डाला। इस प्रकार इस्राएल के लोगों ने वह किया जो यहोवा ने मूसा को आदेश दिया था।
यही हर उस व्यक्ति के लिए नियम है जो पाप करता है, किन्तु जानता नहीं कि बुरा किया है। यही नियम इस्राएल के परिवार में उत्पन्न लोगों के लिए है या अन्य लोगों के लिए भी जो तुम्हारे बीच में रहते हैं।
“तुम लोगों के साथ रहने वाला कोई भी व्यक्ति जो इस्राएलि लोगों का सदस्य नहीं है, यहोवा के फसह पर्व में तुम्हारे साथ भाग लेना चाह सकता है। यह स्वीकृत है, किन्तु उस व्यक्ति को उन नियमों का पालन करना होगा। जो तुम्हें दिए गए हैं। तुम्हें अन्य लोगों के लिए भी वे ही नियम रखने होंगे जो तुम्हारे लिए हैं।”
“उस समय, मैंने तुम्हारे इन प्रमुखों को तुम्हारा न्यायाधीश बनाया था। मैंने उनसे कहा, ‘अपने लोगों के बीच के वाद—प्रतिवाद को सुनो। हर एक मुकदमे का फैसला सही—सही करो। इसका कोई महत्व नहीं कि मुकदमा दो इस्राएली लोगों के बीच है या इस्राएली और विदेशी के बीच। तुम्हें हर एक मुकदमे का फैसला सही करना चाहिए।