मैं अपने यहोवा परमेश्वर के नाम का सम्मान करने के लिये एक मन्दिर बनाऊँगा। मैं यह मन्दिर यहोवा को अर्पित करूँगा जिसमें हमारे लोग उसकी उपासना कर सकेंगे। मैं उसको इस कार्य के लिये अर्पित करूँगा कि उसमें इस्राएलीं जाति के स्थायी धर्मप्रथा के अनुसार हमारे यहोवा परमेश्वर के पवित्र विश्राम दिवसों और नवचन्द्र तथा निर्धारित पर्वों पर सवेरे और शाम सुगन्धित धूप द्रव्य जलाये जायें, भेंट की रोटियाँ अर्पित की जायें और अग्निबलि चढ़ायी जाये।
किन्तु शासक को विशेष पवित्र दिनों के लिये आवश्यक चीजें देनी चाहिए। शासक को होमबलि, अन्नबलि और पेय भेंट की व्यवस्था दावत के दिन, नवचन्द्र, सब्त और इस्राएल के परिवार के सभी विशेष दावतों के लिये करनी चाहिए। शासकों को सभी पापबलि, अन्नबलि, होमबलि, मेलबलि जो इस्राएल के परिवार को पवित्र करने के लिये उपयोग की जाती हैं, देना चाहिए।”