प्रशासक ने इन लोगों को आदेश दिया कि ये लोग कोई भी पवित्र भोजन न करें। वे तब तक इस पवित्र भोजन को नहीं खा सकते जब तक एक याजक जो ऊरीम और तुम्मीम का उपयोग करके यहोवा से न पूछे कि क्या किया जाये।
किन्तु यदि कोई व्यक्ति केवल तुम लोगों के देश में रहता है या किसी व्यक्ति को तुम्हारे लिए मजदूरी पर रखा गया है तो उस व्यक्ति को उस में से नहीं खाना चाहिए। वह केवल इस्राएल के लोगों के लिए है।
इन भेटों का उपयोग उनके पाप को समाप्त करने के लिए तब हुआ था जब वे याजक बने थे। ये मेढ़े बस उन्हीं को खाना चाहिए किसी अन्य को नहीं। क्योंकि ये पवित्र हैं।
किसी याजक की पुत्री विधवा हो सकती है, या उसे तलाक दिया जा सकता है। यदि उके भरन पोषण के लिए उसके बच्चे नहीं हैं और वह अपने पिता के यहाँ लौटती है, जहाँ वह बचपन में रही है तो वह पिता के भोजन मेंसे कुछ खा सकती है। किन्तु केवल याजक के परिवार के व्यक्ति ही इस भोजन को खा सकते हैं।
“तुम हारून और उसके पुत्रों को याजक नियुक्त करोगे। वे अपना कर्तव्य पूरा करेंगे और याजक के रूप में सेवा करेंगे। कोई अन्य व्यक्ति जो पवित्र चीज़ों के समीप आने का प्रयत्न करता है, मार दिया जाना चाहिए।”
उसने परमेश्वर के घर में घुसकर परमेश्वर को चढ़ाई पवित्र रोटियाँ कैसे खाई थीं? यद्यपि उसको और उसके साथियों को उनका खाना मूसा की व्यवस्था के विरुद्ध था। उनको केवल याजक ही खा सकते थे।
वहाँ पवित्र रोटी के अतिरिक्त कोई रोटी नहीं थी। अत: याजक ने दाऊद को वही रोटी दी। यह वह रोटी थी जिसे याजक यहोवा के सामने पवित्र मेज पर रखते थे। वे हर एक दिन इस रोटी को हटा लेते थे और उसकी जगह ताजी रोटी रखते थे।