यदि कोई व्यक्ति उस चीज़ पर बैठता है जिस पर धात त्याग करने वाला व्यक्ति बैठा हो तो उसे अपने वस्त्र धोना और बहते पानी में नहाना चाहिये वह सन्ध्या तक अशुद्ध रहेगा।
यदि कोई व्यक्ति उस व्यक्ति को छूता है जिसने धात त्याग किया है तो उसे अपने वस्त्रों को धोना चाहिए तथा बहते पानी में नहाना चाहिए। वह सन्ध्या तक अशुद्ध रहेगा।