तो याजक को लोगों को आदेश देना चाहिए कि वे फफूँदी सहित पत्थरों को उखाड़ें और उन्हें दूर फेंग दें। उन्हें उन पत्थरों को नगर से बाहर विशेष अशुद्ध स्थान पर फेंकना चाहिए।
यदि कोई व्यक्ति छिपे छिपे अपने पड़ोसी के लिये दुर्वचन कहे, मैं उस व्यक्ति को ऐसा करने से रोकूँगा। मैं लोगों को अभिमानी बनने नहीं दूँगा और मैं उन्हें सोचने नहीं दूँगा, कि वे दूसरे लोगों से उत्तम हैं।
तब याजक को पूरे घर को अन्दर से खुरचवा डालना चाहिए। लोगों को उस लेप को जिसे उन्होंने खुरचा है, फेंक देना चाहिए। उन्हें उस लेप को नगर के बाहर विशेष अशुद्ध स्थान पर डालना चाहिए।
“मैं तेरे कर्मों कठोर परिश्रम और धैर्यपूर्ण सहनशीलता को जानता हूँ तथा मैं यह भी जानता हूँ कि तू बुरे लोगों को सहन नहीं कर पाता है तथा तूने उन्हें परखा है जो कहते हैं कि वे प्रेरित हैं किन्तु हैं नहीं। तूने उन्हें झूठा पाया है।
किन्तु मेरे पास तेरे विरोध में यह है: तू इजेबेल नाम की उस स्त्री को सह रहा है जो अपने आपको नबी कहती है। अपनी शिक्षा से वह मेरे सेवकों को व्यभिचार के प्रति तथा मूर्तियों का चढ़ावा खाने को प्रेरित करती है।