“कभी कभी किसी व्यक्ति के चर्म पर कोई सफेद दाग हो जाता है किन्तु दाग चर्म से गहरा नहीं मालूम होता। यदि वह सत्य हो तो याजक उस व्यक्ति को सात दिन के लिए अन्य लोगों से अलग करे।
अतीत में, लेवीवंशियों ने मुझे तब छोड़ दिया, जब इस्राएल मेरे विरुद्ध गया। इस्राएल ने मुझे अपनी देवमूर्तियों का अनुसरण करने के लिये छोड़ा। लेवीवंशी अपने पाप के लिये दण्डित होंगे।
तो यह कोई भयानक चर्मरोग है जो उस व्यक्ति को बहुत समय से है। अत: याजक को उस व्यक्ति को अशुद्ध घोषित कर देना चाहिए। याजक उस व्यक्ति को केवल थोड़े से समय के लिए ही अन्य लोगों से अलग नहीं करेगा। क्यों? क्योंकि वह जानता है कि वह व्यक्ति अशुद्ध है।
किन्तु याजक यदि उस स्थान को देखता है और सफेद दाग में सफेद बाल नहीं हैं और दाग चर्म से गहरा नहीं है, बल्कि हल्का है तो याजक को उसे सात दिन के लिए ही अलग करना चाहिए।
याजकों को व्यक्ति के चर्म के घाव को देखना चाहिए। यदि घाव के बाल सफेद हो गए हों और घाव व्यक्ति के चर्म से अधिक गहरा मालूम हो तो यह भयंकर चर्म रोग है। जब याजक व्यक्ति की जाँच खत्म करे तो उसे घोषणा करनी चाहिए कि व्यक्ति अशुद्ध है।
सातवे दिन याजक को उस व्यक्ति की जाँच करनी चाहिए। यदि याजक देखे कि घाव में परिवर्तन नहीं हुआ है और वह चर्म पर और अधिक फैला नहीं है तो याजक को और सात दिन के लिए उसे अलग करना चाहिए।
यहोवा ने मूसा को उत्तर दिया, “यदि उसका पिता उसके मुँह पर थूके, तो वह सात दिन तक लज्जित रहेगी। इसलिए उसे सात दिन तक डेरे से बाहर रखो। उस समय के बाद वह ठीक हो जायेगी। तब वह डेरे में वापस आ सकती है।”
इसलिए ठीक समय आने से पहले अर्थात् जब तक प्रभु न आ जाये, तब तक किसी भी बात का न्याय मत करो। वही अन्धेरे में छिपी बातों को उजागर करेगा और मन की प्रेरणा को प्रकट करेगा। उस समय परमेश्वर की ओर से हर किसी की उपयुक्त प्रशंसा होगी।
यदि तुम ऐसी सूचना सुनो तो तुम्हें जहाँ तक हो सके यह जानने का प्रयत्न करना चाहिए कि यह सत्य है अथवा नहीं। यदि तुम्हें मालूम होता है कि यह सत्य है, यदि प्रमाणित कर सको कि सचमुच ऐसी भयंकर बात हुई,