याजक को उस व्यक्ति की जाँच करके देखना चाहिए। यदि रोग ग्रस्त अंग सफेद हो गया हो तो याजक को घोषित करन चाहिए कि वह व्यक्ति जिसे छूत रोग है, वह अंग शुद्ध है। सो वह व्यक्ति शुद्ध है।
याजक उस व्यक्ति पर सात बार खून छिड़केगा जिसे भायनक चर्म रोग है। तब याजक को घोषित करना चाहिए कि वह व्यक्ति सुद्ध है। तब याजक को खुले मैदान में जाना चाहिए और जीवित पक्षी को उड़ा देना चाहिए।