“इस्राएल के लोगों से कहोः “यदि कोई स्त्री एक लड़के को जन्म देती है तो वह स्त्री सात दिन तक अशुद्ध रहेगी। यह उसके रक्त स्राव के मासिकधर्म के समय अशुद्ध होने की तरह होगा।
परमेश्वर ने उन्हें आशीष दी। परमेश्वर ने उनसे कहा, “तुम्हारी बहुत सी संताने हों। पृथ्वी को भर दो और उस पर राज करो। समुद्र की मछलियों और आकाश के पक्षियों पर राज करो। हर एक पृथ्वी के जीवजन्तु पर राज करो।”
तब यहोवा परमेश्वर ने स्त्री से कहा, “मैं तेरी गर्भावस्था में तुझे बहुत दुःखी करूँगा और जब तू बच्चा जनेगी तब तुझे बहुत पीड़ा होगी। तेरी चाहत तेरे पति के लिए होगी किन्तु वह तुझ पर प्रभुता करेगा।”
किन्तु यदि स्त्री लड़की को जन्म देती है तो माँ रक्त स्राव के मासिक धर्म के समय की तरह दो स्पताह तक शुद्ध नहीं होगी। वह अपने खून की हानि के छियासठ दिन बाद शुद्ध हो जाती है।
“यदि कोई स्त्री मासिक रक्त स्राव के समय मासिक धर्म से है तो वह सात दिन तक अशुद्ध रहेगी। यदि कोई व्यक्ति उसे छूता है तो वह व्यक्ति सन्ध्या तक अशुद्ध रहेगा।
“किसी भी व्यक्ति से बहुत सी ऐसी चीज़ें निकलती है जो शुद्ध नहीं होतीं। कोई व्यक्ति इनमें से दूसरे व्यक्ति की किसी भी अशुद्ध वस्तु को अनजाने में ही छू लेता है तब वह दोषी होगा।