वे उस जगह पर पहुँचे जहाँ परमेश्वर ने पहुँचने को कहा था। वहाँ इब्राहीम ने एक बलि की वेदी बनाई। इब्राहीम ने वेदी पर लकड़ियाँ रखीं। तब इब्राहीम ने अपने पुत्र को बाँधा। इब्राहीम ने इसहाक को वेदी की लकड़ियों पर रखा।
दाऊद ने वहाँ यहोवा की उपासाना के लिए एक वेदी बनाई। दाऊद ने होमबलि और मेलबलि चढ़ाई। दाऊद ने यहोवा से प्रार्थना की। यहोवा ने स्वर्ग से आग भेजकर दाऊद को उत्तर दिया। आग होमबलि की वेदी पर उतरी।
“निश्चय ही, तुम लोगों में से कोई याजक तो मंदिर के द्वारों को बन्द करता और आग ठीक —ठीक जलाता। सो मैं तुम लोगों से प्रसन्न नहीं हूँ। मैं तुम्हारी भेंट स्वीकार नहीं करुँगा।” सर्वशक्तिमान यहोवा यह सब कहता है।