है परमेश्वर, मैंने वही काम किये जिनको तूने बुरा कहा। तू वही है, जिसके विरूद्ध मैंने पाप किये। मैं स्वीकार करता हूँ इन बातों को, ताकि लोग जान जाये कि मैं पापी हूँ और तू न्यायपूर्ण है, तथा तेरे निर्णय निष्पक्ष होते हैं।
मैं तुम्हें बताता हूँ कि किसी स्त्री से पैदा हुओं में यूहन्ना से महान् कोई नहीं है। किन्तु फिर भी परमेश्वर के राज्य का छोटे से छोटा व्यक्ति भी उससे बड़ा है।”
उसे प्रभु के मार्ग की दीक्षा भी मिली थी। वह हृदय में उत्साह भर कर प्रवचन करता तथा यीशु के विषय में बड़ी सावधानी से उपदेश देता था। यद्यपि उसे केवल यूहन्ना के बपतिस्मा का ही ज्ञान था।
क्योंकि वे उस धार्मिकता को नहीं जानते थे जो परमेश्वर से मिलती है और वे अपनी ही धार्मिकता की स्थापना का जतन करते रहे सो उन्होंने परमेश्वर की धार्मिकता को नहीं स्वीकारा।
वे परमेश्वर के सेवक मूसा और मेमने का यह गीत गा रहे थे: “वे कर्म जिन्हें तू करता रहता, महान हैं। तेरे कर्म अदभुत, तेरी शक्ति अनन्त है, हे प्रभु परमेश्वर, तेरे मार्ग सच्चे और धार्मिकता से भरे हुए हैं, सभी जातियों का राजा,
तब अदोनीबेजेक के शासक ने कहा, “मैंने सत्तर राजाओं के हाथ और पैर के अंगूठे काटे और उन राजाओं को वही भोजन करना पड़ा जो मेरी मेज से टुकड़ों में गिरा। अब यहोवा ने मुझे उसका बदला दिया है जो मैंने उन राजाओं के साथ किया था।” यहूदा के लोग बेजेक के शासक को यरूशलेम ले गए और वह वहीं मरा।