उसके हाथ में फटकने की डाँगी है, जिससे वह अनाज को भूसे से अलग कर अपने खलिहान में उठा कर रखता है। किन्तु वह भूसे को ऐसी आग में झोंक देगा जो कभी नहीं बुझने वाली।”
तुम्हारे मवेशियों और तुम्हारे गधों को जैसे चारे की आवश्यकता होगी, वह सब उन्हें मिलेगा। खाने की इतनी बहुतायत होगी कि तुम्हें अपने पशुओं के खाने के लिए भी फावड़ों और पंजों से चारा को फैलाना होगा।
मैं अपने सूप से यहूदा के लोगों को फटक दूँगा। मैं देश के नगर द्वार पर उन्हें बिखेर दूँगा। मेरे लोग बदले नहीं हैं। अत: मैं उन्हें नष्ट करूँगा। मैं उनके बच्चों को ले लूँगा।
लोगों की उनकी अपनी योजनाएँ हैं किन्तु उन्हें ऐसी उन बातों का पता नहीं जिनके विषय में यहोवा योजना बना रहा है। यहोवा उन लोगों को किसी विशेष प्रयोजन के लिये यहाँ लाया। वे लोग वैसे कुचल दिये जायेंगे जैसे खलिहान में अनाज की पूलियाँ कुचली जाती हैं।
जब तक फसल पके दोनों को साथ-साथ बढने दो, फिर कटाई के समय में फसल काटने वालों से कहूँगा कि पहले खरपतवार की पुलियाँ बना कर उन्हें जला दो, और फिर गेहूँ को बटोर कर मेरे खते में रख दो।’”
उसके हाथों में उसका छाज है जिस से वह अनाज को भूसे से अलग करता है। अपने खलिहान से वह साफ किये समस्त अनाज को उठा, इकट्ठा कर, कोठियों में भरेगा और भूसे को ऐसी आग में झोंक देगा जो कभी बुझाए नहीं बुझेगी।”