इसलिए लूत बाहर गया और अपनी अन्य पुत्रियों से विवाह करने वाले दामादों से बातें कीं। लूत ने कहा, “शीघ्रता करो और इस नगर को छोड़ दो।” यहोवा इसे तुरन्त नष्ट करेगा। लेकिन उन लोगों ने समझा कि लूत मज़ाक कर रहा है।
तब उस अधिकारी ने जो राजा का विश्वासपात्र था, परमेश्वर के जन (एलीशा) से बातें कीं। अधिकारी ने कहा, “यदि यहोवा आकाश में खिड़कियाँ भी बना दे तो भी यह नहीं होगा!” एलीशा ने कहा, “इसे तुम अपनी आँखों से देखोगे। किन्तु उस भोजन में से तुम कुछ भी नहीं खाओगे।”
बाद में, जब उसके ग्यारहों शिष्य भोजन कर रहे थे, वह उनके सामने प्रकट हुआ और उसने उन्हें उनके अविश्वास और मन की जड़ता के लिए डाँटा फटकारा क्योंकि इन्होंने उनका विश्वास ही नहीं किया था जिन्होंने जी उठने के बाद उसे देखा था।