(उसके ऊपर यह सूचना अंकित कर दी गई थी, “यह यहूदियों का राजा है।”)
उन्होंने पूछा, “यहूदियों का नवजात राजा कहाँ है? हमने उसके सितारे को, आकाश में देखा है। इसलिए हम पूछ रहे हैं। हम उसकी आराधना करने आये हैं।”
इसी बीच यीशु राज्यपाल के सामने पेश हुआ। राज्यपाल ने उससे पूछा, “क्या तू यहूदियों का राजा है?” यीशु ने कहा, “हाँ, मैं हूँ।”
उन्होंने उसका अभियोग पत्र लिखकर उसके सिर पर टाँग दिया, “यह यहूदियों का राजा यीशु है।”
फिर उसे सलामी देने लगे: “यहूदियों के राजा का स्वागत है!”
उसके विरुद्ध एक लिखित अभियोग पत्र उस पर अंकित था: “यहूदियों का राजा।”
अब इस ‘मसीह’ और ‘इस्राएल के राजा को’ क्रूस पर से नीचे तो उतरने दे ताकि हम यह देख कर उसमें विश्वास कर सकें।” उन दोनों ने भी, जो उसके साथ क्रूस पर चढ़ाये गये थे, उसका अपमान किया।
इस पर पिलातुस ने यीशु से पूछा, “क्या तू यहूदियों का राजा है?” यीशु ने उसे उत्तर दिया, “तू ही तो कह रहा है, मैं वही हूँ।”
और उसके पास आ-आकर कहने लगे, “यहूदियों का राजा जीता रहे” और फिर उसे थप्पड़ मारने लगे।