क्योंकि फिर उससे कोई और प्रश्न पूछने का साहस नहीं कर सका।
उत्तर में कोई भी उससे कुछ नहीं कह सका। और न ही उस दिन के बाद किसी को उससे कुछ और पूछने का साहस ही हुआ।
जब यीशु ने देखा कि उस व्यक्ति ने समझदारी के साथ उत्तर दिया है तो वह उससे बोला, “तू परमेश्वर के राज्य से दूर नहीं है।” इसके बाद किसी और ने उससे कोई और प्रश्न पूछने का साहस नहीं किया।
वे इस पर उससे तर्क नहीं कर सके।
कुछ यहूदी धर्मशास्त्रियों ने कहा, “गुरु, अच्छा कहा।”