बाद में वह स्त्री भी मर गयी।
एक पीढ़ी आती है और दूसरी चली जाती है किन्तु संसार सदा यूँ ही बना रहता है।
जीवित लोग जानते हैं कि उन्हें मरना है। किन्तु मरे हुए तो कुछ भी नहीं जानते। मरे हुओं को कोई और प्रतिदान नहीं मिलता। लोग उन्हें जल्दी ही भूल जाते हैं।
और ऐसे ही तीसरे भाई ने। सब के साथ एक जैसा ही हुआ। वे बिना कोई संतान छोड़े मर गये।
अब बताओ, पुनरुत्थान होने पर वह किसकी पत्नी होगी क्योंकि उससे तो सातों ने ही ब्याह किया था?”
जैसे एक बार मरना और उसके बाद न्याय का सामना करना मनुष्य की नियति है।
इसके बाद वह पूरी पीढ़ी मर गई तथा नयी पीढ़ी उत्पन्न हुई। यह नयी पीढ़ी यहोवा के विषय में न तो जानती थी और न ही उसे, यहोवा ने इस्राएल के लोगों के लिये क्या किया था, इसका ज्ञान था।