तो शमौन यीशु को अपनी गोद में उठा कर परमेश्वर की स्तुति करते हुए बोला:
सज्जन तो यहोवा में सदा मगन और आनन्दित रहते हैं। अरे ओ लोगों, तुम सब पवित्र मन के साथ आनन्द मनाओ।
फिर उन बच्चों को यीशु ने गोद में उठा लिया और उनके सिर पर हाथ रख कर उन्हें आशीष दी।
और फिर एक छोटे बच्चे को लेकर उसने उनके सामने खड़ा किया। बच्चे को अपनी गोद में लेकर वह उनसे बोला,
तब मरियम ने कहा,
तभी तत्काल उसका मुँह खुल गया और उसकी वाणी फूट पड़ी। वह बोलने लगा और परमेश्वर की स्तुति करने लगा।
“इस्राएल के प्रभु परमेश्वर की जय हो क्योंकि वह अपने लोगों की सहायता के लिए आया और उन्हें स्वतन्त्र कराया।
उधर वे गड़ेरिये जो कुछ उन्होंने सुना था और देखा था, उस सब कुछ के लिए परमेश्वर की महिमा और स्तुति करते हुए अपने अपने घरों को लौट गये।
वह आत्मा से प्रेरणा पाकर मन्दिर में आया और जब व्यवस्था के विधि के अनुसार कार्य के लिये बालक यीशु को उसके माता-पिता मन्दिर में लाये।
“प्रभु, अब तू अपने वचन के अनुसार अपने दास मुझ को शांति के साथ मुक्त कर,
इस्राएल के लोग भी सन्तुष्ट हो गए। वे प्रसन्न थे और उन्होंने परमेश्वर को धन्यवाद दिया। उन्होंने निर्णय लिया कि वे रूबेन, गाद और मनश्शे के लोगों के विरुद्ध जाकर नहीं लड़ेंगे। उन्होंने उन प्रदेशों को नष्ट न करने का निर्णय किया।