यीशु ने उससे पूछा, “क्या सभी दस के दस कोढ़ से मुक्त नहीं हो गये? फिर वे नौ कहाँ हैं?
यहोवा परमेश्वर ने पुकार कर पुरुष से पूछा, “तुम कहाँ हो?”
किन्तु हमारे पूर्वज उन बातों को शीघ्र भूले जो परमेश्वर ने की थी। उन्होंने परमेश्वर की सम्मति पर कान नहीं दिया।
वह मुँह के बल यीशु के चरणों में गिर पड़ा और उसका आभार व्यक्त किया। (और देखो, वह एक सामरी था।)
क्या इस परदेसी को छोड़ कर उनमें से कोई भी परमेश्वर की स्तुति करने वापस नहीं लौटा।”
यद्यपि वे परमेश्वर को जानते है किन्तु वे उसे परमेश्वर के रूप में सम्मान या धन्यवाद नहीं देते। बल्कि वे अपने विचारों में निरर्थक हो गये। और उनके जड़ मन अन्धेरे से भर गये।