तुम्हारे साथ भी ऐसा ही है। जो कुछ तुमसे करने को कहा गया है, उसे कर चुकने के बाद तुम्हें कहना चाहिये, ‘हम दास हैं, हम किसी बड़ाई के अधिकारी नहीं हैं। हमने तो बस अपना कर्तव्य किया है।’”
मैं बहुत डर गया था। मैंने कहा, “अरे, नहीं! मैं तो नष्ट हो जाऊँगा। मैं उतना शुद्ध नहीं हूँ कि परमेश्वर से बातें करूँ और मैं ऐसे लोगों के बीच रहता हूँ जो उतने शुद्ध नहीं हैं कि परमेश्वर से बातें कर सकें। किन्तु फिर भी मैंने उस राजा, सर्वशक्तिमान यहोवा, के दर्शन कर लिये हैं।”
इस्राएल के लोग इस धरती में आये और उन्होंने इसे अपना बना लिया। किन्तु उन लोगों ने तेरी आज्ञा नहीं मानी। वे तेरे उपदेशों के अनुसार न चले। उन्होंने वह नहीं किया जिसके लिये तूने आदेश दिया। अत: तूने इस्राएल के लोगों पर वे भयंकर विपत्तियाँ ढाई।