फिर पौलुस यहूदी आराधनालय में चला गया और तीन महीने निडर होकर बोलता रहा। वह यहूदियों के साथ बहस करते हुए उन्हें परमेश्वर के राज्य के विषय में समझाया करता था।
सो उन्होंने उसके साथ एक दिन निश्चित किया। और फिर जहाँ वह ठहरा था, बड़ी संख्या में आकार वे लोग एकत्र हो गये। मूसा की व्यवस्था और नबियों के ग्रंथों से यीशु के विषय में उन्हें समझाने का जतन करते हुए उसने परमेश्वर के राज्य के बारे में अपनी साक्षी दी और समझाया। वह सुबह से शाम तक इसी में लगा रहा।
इसलिए प्रभु से डरते हुए हम सत्य को ग्रहण करने के लिये लोगों को समझाते-बुझाते हैं। हमारे और परमेश्वर के बीच कोई पर्दा नहीं है। और मुझे आशा है कि तुम भी हमें पूरी तरह जानते हो।