है परमेश्वर, मैंने वही काम किये जिनको तूने बुरा कहा। तू वही है, जिसके विरूद्ध मैंने पाप किये। मैं स्वीकार करता हूँ इन बातों को, ताकि लोग जान जाये कि मैं पापी हूँ और तू न्यायपूर्ण है, तथा तेरे निर्णय निष्पक्ष होते हैं।
तुम्हें केवल इतना करना होगा कि तुम अपने पापों को पहचानो। तुम यहोवा अपने परमेश्वर के विरुद्ध गए, यह तुम्हारा पाप है। तुमने अन्य राष्ट्रों के लोगों की देव मूर्तियों को अपना प्रेम दिया। तुमने देव मूर्तियों की पूजा हर एक हरे पेड़ के नीचे की। तुमने मेरी आज्ञा का पालन नहीं किया।” यह सन्देश यहोवा का था।
मैं तुम्हारे प्रति अच्छा रहूँगा जिससे तुम मुझे याद करोगी और उन पापों के लिये लज्जित होगी जो तुमने किये। मैं तुम्हें शुद्ध करुँगा और तुम्हें फिर कभी लज्जित नहीं होना पड़ेगा।” मेरे स्वामी यहोवा ने ये बातें कहीं।
सो वह उठकर अपने पिता के पास चल दिया। “अभी वह पर्याप्त दूरी पर ही था कि उसके पिता ने उसे देख लिया और उसके पिता को उस पर बहुत दया आयी। सो दौड़ कर उसने उसे अपनी बाहों में समेट लिया और चूमा।