फिर यदि यह अगले साल फल दे तो अच्छा है और यदि नहीं दे तो तू इसे काट सकता है।’”
किसी आराधनालय में सब्त के दिन यीशु जब उपदेश दे रहा था
माली ने उसे उत्तर दिया, ‘हे स्वामी, इसे इस साल तब तक छोड़ दे, जब तक मैं इसके चारों तरफ गढ़ा खोद कर इसमें खाद लगाऊँ।
मेरी हर उस शाखा को जिस पर फल नहीं लगता, वह काट देता है। और हर उस शाखा को जो फलती है, वह छाँटता है ताकि उस पर और अधिक फल लगें।
जिन्होंने प्रभु यीशु को मार डाला और नबियों को बाहर खदेड़ दिया। वे परमेश्वर को प्रसन्न नहीं करते वे तो समूची मानवता के विरोधी हैं।
किन्तु यदि वह धरती काँटे और घासफूस उपजाती है, तो वह बेकार की है। और उसे अभिषप्त होने का भय है। अन्त में उसे जला दिया जाएगा।