“जिस समय हारून महापवित्र स्थान को शुद्ध करे, उस समय कोई व्यक्ति मिलापवाले तम्बू में नहीं होना चाहिए। किसी व्यक्ति को उसके भीतर तब तक नहीं जाना चाहिए जब तक हारून बाहर न आ जाय। इस प्रकार हारून अपने को और अपने परिवार को शुद्ध करेगा और तब इस्राएल के सभी लोगों को शुद्ध करेगा।
इसलिए क्योंकि परमेश्वर का पुत्र यीशु एक ऐसा महान् महायाजक है, जो स्वर्गों में से होकर गया है तो हमें अपने अंगीकृत एवं घोषित विश्वास को दृढ़ता के साथ थामे रखना चाहिए।
मसीह ने मनुष्य के हाथों के बने परम पवित्र स्थान में, जो सच्चे परम पवित्र स्थान की एक प्रतिकृति मात्र था, प्रवेश नहीं किया। उसने तो स्वयं स्वर्ग में ही प्रवेश किया ताकि अब वह हमारी ओर से परमेश्वर की उपस्थिति में प्रकट हो।
फिर एक और स्वर्गदूत आया और वेदी पर खड़ा हो गया। उसके पास सोने का एक धूपदान था। उसे संत जनों की प्रार्थनाओं के साथ सोने की उस वेदी पर जो सिंहासन के सामने थी, चढ़ाने के लिए बहुत सारी धूप दी गई।