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क्रॉस रेफरेंस
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रोमियों 9:22

पवित्र बाइबल

किन्तु इसमें क्या है यदि परमेश्वर ने अपना क्रोध दिखाने और अपनी शक्ति जताने के लिए उन लोगों की, जो क्रोध के पात्र थे और जिनका विनाश होने को था, बड़े धीरज के साथ सही,

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27 क्रॉस रेफरेंस  

चार पीढ़ियों के बाद तुम्हारे लोग इसी प्रदेश में फिर आएंगे। उस समय तुम्हारे लोग एमोरियों को हरांएगे। यहाँ रहने वाले एमोरियों को, दण्ड देने के लिए मैं तुम्हारे लोगों का प्रयोग करूँगा। यह बात भविष्य में होगी क्योंकि एमोरी दण्ड पाने येग्य बुरे अभी नहीं हुए हैं।”

हे परमेश्वर, सचमुच कोई भी व्यक्ति तेरे क्रोध की पूरी शक्ति नहीं जानता। किन्तु हे परमेश्वर, हमारा भय और सम्मान तेरे लिये उतना ही महान है, जितना क्रोध।

किन्तु मैंने तुम्हें यहाँ किसी कारणवश रखा है। मैंने तुम्हें यहाँ इसलिए रखा है कि तुम मेरी शक्ति को देख सको। तब सारे संसार के लोग मेरे बारे में जान जाएंगे।

यहोवा ने अपने उद्देश्य से हर किसी वस्तु को रचा है यहाँ तक कि दुष्ट को भी नाश के दिन के लिये।

यहोवा के प्रेम और करुणा का तो अत कभी नहीं होता। यहोवा की कृपाएं कभी समाप्त नहीं होती।

यहोवा ने मूसा से कहा, “ये लोग इस प्रकार मुझसे कब तक घृणा करते रहेंगे? वे प्रकट कर रहे हैं कि वे मुझ पर बिश्वास नहीं करते। वे दिखाते हैं कि उन्हें मेरी शक्ति पर बिश्वास नहीं। वे मुझ पर बिश्वास करने से तब भी इन्कार करते हैं जबकि मैंने उन्हें बहुत से शक्तिशाली चिन्ह दिखाये हैं। मैंने उनके बीच अनेक बड़ी चीजें की हैं।

तूने कहा था, ‘यहोवा क्रोधित होने में सहनशील है। यहोवा प्रेम से परिपूर्ण है। यहोवा पाप को क्षमा करता है और उन लोगों को क्षमा करता है जो उसके विरुद्ध भी हो जाते हैं। किन्तु यहोवा उन लोगों को अवश्य दण्ड देगा जो अपराधी हैं। यहोवा तो बच्चों को, उनके पितामह और प्रपितामह के पापों के लिए भी दण्ड देता है!’

उन लोगों को जो सत्य की अधर्म से दबाते हैं, बुरे कर्मों और हर बुराई पर स्वर्ग से परमेश्वर का कोप प्रकट होगा।

क्योंकि शास्त्र में परमेश्वर ने फिरौन से कहा था, “मैंने तुझे इसलिए खड़ा किया था कि मैं अपनी शक्ति तुझ में दिखा सकूँ। और मेरा नाम समूची धरती पर घोषित किया जाये।”

मनुष्य तू कौन होता है जो परमेश्वर को उलट कर उत्तर दे? क्या कोई रचना अपने रचने वाले से पूछ सकती है, “तूने मुझे ऐसा क्यों बनाया?”

क्या किसी कुम्हार की मिट्टी पर यह अधिकार नहीं है कि वह किसी एक लौंदे से एक बरतनों विशेष प्रयोजन के लिए और दूसरा हीन प्रयोजन के लिए बनाये?

वे विधर्मियों को सुसमाचार का उपदेश देने में बाधा खड़ी करते हैं कि कहीं उन लोगों का उद्धार न हो जाये। इन बातों में वे सदा अपने पापों का घड़ा भरते रहते हैं और अन्ततः अब तो परमेश्वर का प्रकोप उन पर पूरी तरह से आ पड़ा है।

क्योंकि परमेश्वर ने हमें उसके प्रकोप के लिए नहीं, बल्कि हमारे प्रभु यीशु द्वारा मुक्तिप्राप्त करने के लिए बनाया है।

एक बड़े घर में बस सोने-चाँदी के ही पात्र तो नहीं होते हैं, उसमें लकड़ी और मिट्टी के बरतन भी होते हैं। कुछ विशेष उपयोग के लिए होते हैं और कुछ साधारण उपयोग के लिए।

तथा वह बन गया: “एक ऐसा पत्थर जिससे लोगों को ठेस लगे और ऐसी एक चट्टान जिससे लोगों को ठोकर लगे।” लोग ठोकर खाते हैं क्योंकि वे परमेश्वर के वचन का पालन नहीं करते और बस यही उनके लिए ठहराया गया है।

जो उस समय परमेश्वर की आज्ञा नहीं मानने वाली थी जब नूह की नाव बनायी जा रही थी और परमेश्वर धीरज के साथ प्रतीक्षा कर रहा था उस नाव में थोड़े से अर्थात् केवल आठ व्यक्ति ही पानी से बच पाये थे।

लोभ के कारण अपनी बनावटी बातों से वे तुमसे धन कमाएँगे। उनका दण्ड परमेश्वर के द्वारा बहुत पहले से निर्धारित किया जा चुका है। उनका विनाश तैयार है और उनकी प्रतीक्षा कर रहा है।

इस प्रकार प्रभु जानता है कि भक्तों को न्याय के दिन तक कैसे बचाया जाता है और दुष्टों को दण्ड के लिए कैसे रखा जाता है।

हमारे प्रभु के धीरज को उद्धार समझो। जैसा कि हमारे प्रिय बन्धु पौलुस ने परमेश्वर के द्वारा दिए गए विवेक के अनुसार तुम्हें लिखा था।

क्योंकि हमारे समूह में कुछ लोग चोरी से आ घुसे हैं। इन लोगों के दण्ड के विषय में शास्त्रों ने बहुत पहले ही भविष्यवाणी कर दी थी। ये लोग परमेश्वर विहीन हैं। इन लोगों ने परमेश्वर के अनुग्रह को भोग-विलास का एक बहाना बना डाला है तथा ये हमारे प्रभु तथा एकमात्र स्वामी यीशु मसीह को नहीं मानते।




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