इब्राहीम या उसके वंशजों को यह वचन कि वे संसार के उत्तराधिकारी होंगे, व्यवस्था से नहीं मिला था बल्कि उस धार्मिकता से मिला था जो विश्वास के द्वारा उत्पन्न होती है।
मैं उन लोगों को आशीर्वाद दूँगा, जो तुम्हारा भला करेंगे। किन्तु उनको दण्ड दूँगा जो तुम्हारा बुरा करेंगे। पृथ्वी के सारे मनुष्यों को आशीर्वाद देने के लिए मैं तुम्हारा उपयोग करूँगा।”
तुम्हारे वंशज उतने होंगे जितने पृथ्वी पर मिट्टी के कण हैं। वे पूर्व, पश्चिम, उत्तर तथा दक्षिण में फैलेंगे। पृथ्वी के सभी परिवार तुम्हारे वंशजों के कारण वरदान पाएँगे।
यहूदा के परिवार के व्यक्ति राजा होंगे। उसके परिवार का राज—चिन्ह उसके परिवार से वास्तविक शासक के आने से पहले समाप्त नहीं होगा। तब अनेकों लोग उसका आदेश मानेंगे और सेवा करेंगे।
अर्थात यह नहीं है कि प्राकृतिक तौर पर शरीर से पैदा होने वाले बच्चे परमेश्वर के वंशज है, बल्कि परमेश्वर के वचन से प्रेरित होने वाले उसके वंशज माने जाते हैं।
विश्वास के कारण ही नूह को जब उन बातों की चेतावनी दी गयी जो उसने देखी तक नहीं थी तो उसने पवित्र भयपूर्वक अपने परिवार को बचाने के लिए एक नाव का निर्माण किया था। अपने विश्वास से ही उसने इस संसार को दोषपूर्ण माना और उस धार्मिकता का उत्तराधिकारी बना जो विश्वास से आती है।