मैं तुम लोगों को बताता हूँ कि यह प्रकट करने को कि परमेश्वर विश्वसनीय है उनके पुरखों को दिये गए परमेश्वर के वचन को दृढ़ करने को मसीह यहूदियों का सेवक बना।
मेरी और भेड़ें भी हैं जो इस बाड़े की नहीं हैं। मुझे उन्हें भी लाना होगा। वे भी मेरी आवाज सुनेगीं और इसी बाड़े में आकर एक हो जायेंगी। फिर सबका एक ही चरवाहा होगा।
किन्तु पौलुस और बरनाबास ने निडर होकर कहा, “यह आवश्यक था कि परमेश्वर का वचन पहले तुम्हें सुनाया जाता किन्तु क्योंकि तुम उसे नकारते हो तथा तुम अपने आपको अनन्त जीवन के योग्य नहीं समझते, सो हम अब गैर यहूदियों की ओर मुड़ते हैं।
इसलिए तू परमेश्वर की कोमलता को देख और उसकी कठोरता पर ध्यान दे। यह कठोरता उनके लिए है जो गिर गये किन्तु उसकी करुणा तेरे लिए है यदि तू अपने पर उसका अनुग्रह बना रहने दे। नहीं तो पेड़ से तू भी काट फेंका जायेगा।
यानी मैं ग़ैर यहूदियों के लिए यीशु मसीह का सेवक बन कर परमेश्वर के सुसमाचार के लिए एक याजक के रूप में काम करूँ ताकि ग़ैर यहूदी परमेश्वर के आगे स्वीकार करने योग्य भेंट बन सकें और पवित्र आत्मा के द्वारा परमेश्वर के लिये पूरी तरह पवित्र बनें।
इसलिए सिद्ध है कि परमेश्वर का वचन विश्वास का फल है और यह सेंतमेत में ही मिलता है। इस प्रकार उसका वचन इब्राहीम के सभी वंशजों के लिए सुनिश्चित है, न केवल उनके लिये जो व्यवस्था को मानते हैं बल्कि उन सब के लिये भी जो इब्राहीम के समान विश्वास रखते है। वह हम सब का पिता है।
मैं यह कह रहा हूँ कि तुम में से कोई कहता है, “मैं पौलुस का हूँ” तो कोई कहता है, “मैं अपुल्लोस का हूँ।” किसी का मत है, “वह पतरस का है” तो कोई कहता है, “वह मसीह का है।”
मैं जब अन्तर्मन कहता हूँ तो मेरा अर्थ तुम्हारे अन्तर्मन से नहीं बल्कि उस दूसरे व्यक्ति के अन्तर्मन से है। एकमात्र यही कारण है। क्योंकि मेरी स्वतन्त्रता भला दूसरे व्यक्ति के अन्तर्मन द्वारा लिये गये निर्णय से सीमित क्यों रहे?
हे भाइयो, मैं तुम्हें यह बता रहा हूँ: मांस और लहू (हमारे ये पार्थिव शरीर) परमेश्वर के राज्य के उत्तराधिकार नहीं पा सकते। और न ही जो विनाशमान है, वह अविनाशी का उत्तराधिकारी हो सकता है।
क्योंकि परमेश्वर ने जो अनन्त प्रतिज्ञाएँ की हैं, वे यीशु में सब के लिए “हाँ” बन जाती हैं। इसलिए हम उसके द्वारा भी जो “आमीन” कहते हैं, वह परमेश्वर की ही महिमा के लिये होता है।
उस समय तुम बिना मसीह के थे, तुम इस्राएल की बिरादरी से बाहर थे। परमेश्वर ने अपने भक्तों को जो वचन दिए थे उन पर आधारित वाचा से अनजाने थे। तथा इस संसार में बिना परमेश्वर के निराश जीवन जीते थे।