जिस किसी का तुझे देना है, उसे चुका दे। जो कर तुझे देना है, उसे दे। जिसकी चूँगी तुझ पर निकलती है, उसे चूँगी दे। जिससे तुझे डरना चाहिए तू उससे डर। जिसका आदर करना चाहिए उसका आदर कर।
स्त्रियों में से एक ने कहा, “महाराज, यह स्त्री और मैं एक ही घर में रहते हैं। हम दोनों गर्भवती हुए और अपने बच्चों को जन्म देने ही वाले थे। मैंने अपने बच्चे को जन्म दिया जब यह वहाँ मेरे साथ थी।
पतरस ने उत्तर दिया, “हाँ, वह देता है।” और घर में चला आया। पतरस से बोलने के पहले ही यीशु बोल पड़ा, उसने कहा, “शमौन, तेरा क्या विचार है? धरती के राजा किससे चुंगी और कर लेते हैं? स्वयं अपने बच्चों से या दूसरों के बच्चों से?”
उन्होंने उससे कहा, “महाराजा कैसर के।” तब उसने उनसे कहा, “अच्छा तो फिर जो महाराजा कैसर का है, उसे महाराजा कैसर को दो, और जो परमेश्वर का है, उसे परमेश्वर को।”
वे उस पर अभियोग लगाने लगे। उन्होंने कहा, “हमने हमारे लोगों को बहकाते हुए इस व्यक्ति को पकड़ा है। यह कैसर को कर चुकाने का विरोध करता है और कहता है यह स्वयं मसीह है, एक राजा।”
सो कुछ भी हो, तुममें से हर एक को अपनी पत्नी से वैसे ही प्रेम करना चाहिए जैसे तुम स्वयं अपने आपको करते हो। और एक पत्नी को भी अपने पति का डर मानते हुए उसका आदर करना चाहिए।
इसके अतिरिक्त उन्हें आलस की आदत पड़ जाती है। वे एक घर से दूसरे घर घूमती फिरती हैं तथा वे न केवल आलसी हो जाती हैं, बल्कि वे बातूनी बन कर लोगों के कामों में टाँग अड़ाने लगाती हैं और ऐसी बातें बोलने लगती हैं जो उन्हें नहीं बोलनी चाहिए।
लोग जो अंध विश्वासियों के जूए के नीचे दास बने हैं, उन्हें अपने स्वामियों को सम्मान के योग्य समझना चाहिए ताकि परमेश्वर के नाम और हमारे उपदेशों की निन्दा न हो।
ऐसे ही हे पतियों, तुम अपनी पत्नियों के साथ समझदारी पूर्वक रहो। उन्हें निर्बल समझ कर, उनका आदर करो। जीवन के वरदान में उन्हें अपना सह उत्तराधिकारी भी मानो ताकि तुम्हारी प्रार्थनाओं में बाधा न पड़े।