मनमानी उपासना, अपने शरीर को प्रताड़ित करने और अपनी काया को कष्ट देने से सम्बन्धित ये नियम बुद्धि पर आधारित प्रतीत होते हैं पर वास्तव में इन मूल्यों का कोई नियम नहीं है। ये नियम तो वास्तव में लोगों को उनकी पापपूर्ण मानव प्रकृति में लगा डालते हैं।
हे प्रिय मित्रों, मैं तुम से, जो इस संसार में अजनबियों के रूप में हो, निवेदन करता हूँ कि उन शारीरिक इच्छाओं से दूर रहो जो तुम्हारी आत्मा से जूझती रहती हैं।