कि यदि तू अपने मुँह से कहे, “यीशु मसीह प्रभु है,” और तू अपने मन में यह विश्वास करे कि परमेश्वर ने उसे मरे हुओं में से जीवित किया तो तेरा उद्धार हो जायेगा।
“किन्तु मैं तुमसे कहता हूँ जो कोई व्यक्ति सभी के सामने मुझे स्वीकार करता है, मनुष्य का पुत्र भी उस व्यक्ति को परमेश्वर के स्वर्गदूतों के सामने स्वीकार करेगा।
उसके माता-पिता ने यह बात इसलिये कही थी कि वे यहूदी नेताओं से डरते थे। क्योंकि वे इस पर पहले ही सहमत हो चुके थे कि यदि कोई यीशु को मसीह माने तो उसे आराधनालय से निकाल दिया जाये।
ऐसा कौन है जो उन्हें दोषी ठहराएगा? मसीह यीशु वह है जो मर गया (और इससे भी अधिक महत्त्वपूर्ण यह है कि) उसे फिर जिलाया गया। जो परमेश्वर के दाहिनी ओर बैठा है और हमारी ओर से विनती भी करता है
सो मैं तुम्हें बताता हूँ कि परमेश्वर के आत्मा की ओर से बोलने वाला कोई भी यह नहीं कहता, “यीशु को शाप लगे” और पवित्र आत्मा के द्वारा कहने वाले को छोड़ कर न कोई यह कह सकता है, “यीशु प्रभु है।”
उस मसीह के कारण ही तुम उस परमेश्वर में विश्वास करते रहे जिसने उसे मरे हुओं में से पुनर्जीवित कर दिया और उसे महिमा प्रदान की। इस प्रकार तुम्हारी आशा और तुम्हारा विश्वास परमेश्वर में स्थिर हो।