अँगूर की बेलें सूख रहीं है। शाखाएँ कट कर गिर रही हैं और स्त्रियाँ उन शाखाओं से धन का काम ले रही हैं। लोग इसे समझ नहीं रहे हैं। इसीलिए उनका स्वामी परमेश्वर उन्हें चैन नहीं देगा। उनका रचयिता उनके प्रति दयालु नहीं होगा।
रास्ते नष्ट हो गये हैं। गलियों में कोई नहीं चल फिर रहा है। लोगों ने जो सन्धियाँ की थी, वे उन्होंने तोड़ दिये हैं। लोग साक्षियों के प्रमाण पर विश्वास करने से मना करते हैं। कोई भी किसी दूसरे व्यक्ति का आदर नहीं करता।
परमेश्वर ने कहा, “मेरे लोग मूर्ख हैं। वे मुझे नहीं जानते। वे बेवकूफ बच्चे हैं। वे समझते नहीं। वे पाप करने में दक्ष हैं, किन्तु वे अच्छा करना नहीं जानते।” विनाश आ रहा है