इसलिए याकूब अपने पिता के पास गया और उसे चूमा। इसहाक ने एसाव के कपड़ों की गन्ध पाई और उसको आशीर्वाद दिया। इसहाक ने कहा, “अहा, मेरे पुत्र की सुगन्ध यहोवा से वरदान पाए खेतों की सुगन्ध की तरह है।
हर कोई फूट फूट कर रो रहा था। गले मिलते हुए वे उसे चूम रहे थे। उसने जो यह कहा था कि वे उसका मुँह फिर कभी नहीं देखेंगे, इससे लोग बहुत अधिक दुःखी थे। फिर उन्होंने उसे सुरक्षा पूर्वक जहाज़ तक पहुँचा दिया।
तब नाओमी ने अपनी पुत्र वधुओं से कहा, “तुम दोनों को अपने घर अपनी माताओं के पास लौट जाना चाहिए। तुम मेरे तथा मेरे पुत्रों के प्रति बहुत दयालु रही हो। इसलिए मैं प्रार्थाना करती हूँ कि यहोवा तुम पर ऐसे ही दयालु हो।