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क्रॉस रेफरेंस
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योएल 2:12

पवित्र बाइबल

यहोवा का यह संदेश है: “अपने पूर्ण मन के साथ अब मेरे पास लौट आओ। तुमने बुरे कर्म किये हैं। विलाप करो और निराहार रहो!”

अध्याय देखें प्रतिलिपि

39 क्रॉस रेफरेंस  

तब दाऊद गिनती करने के बाद लज्जित हुआ। दाऊद ने यहोवा से कहा, “मैंने यह कार्य कर के बहुत बड़ा पाप किया! यहोवा, मैं प्रार्थना करता हूँ कि तू मेरे पाप को क्षमा कर। मैंने बड़ी मूर्खता की है।”

इसलिये दूत राजा का पत्र पूरे इस्राएल औऱ यहूदा में ले गए। उन पत्रों में यह लिखा था: “इस्राएल की सन्तानों, इब्राहीम, इसहाक और इस्राएल (याकूब), जिस यहोवा, परमेश्वर की आज्ञा मानते थे उसके पास लौटो। तब यहोवा तुम लोगों के पास वापस आयेगा जो अश्शूर के राजा से बच गए हैं और अभी तक जीवित हैं।

तो स्वर्ग से तू उनकी सुन। तू उनकी सुन और उनके पापों को क्षमा कर। इस्राएल के लोग तेरे सेवक हैं। तब उन्हें सही मार्ग का उपदेश दे जिस पर वे चलें। तू अपनी भूमि पर वर्षा भेज। वही देश तूने अपने लोगों को दिया था।

उन्होंने आभूषण नहीं पहने क्योंकि यहोवा ने मूसा से कहा, “इस्राएल के लोगों से कहो, ‘तुम हठी लोग हो। यदि मैं तुम लोगों के साथ थोड़े समय के लिए भी यात्रा करुँ तो मैं तुम लोगों को नष्ट कर दूँगा, इसलिए अपने सभी गहने उतार लो। तब मैं निश्चय करूँगा कि तुम्हारे साथ क्या करूँ।’”

सो, मेरा स्वामी सर्वशक्तिमान यहोवा लोगों से उनके मरे हुए मित्रों के लिए विलाप करने और दु:खी होने के लिये कहेगा। लोग अपने सिर मुँड़ा लेंगे और शोक वस्त्र धारण करेंगे।

जब तुम उपवास करते हो तो भूख की वजह से लड़ते—झगड़ते हो और अपने दुष्ट मुक्कों से आपस में मारा—मारी करते हो। यदि तुम चाहते हो कि स्वर्ग में तुम्हारी आवाज सुनी जाये तो तुम्हें उपवास ऐसे नहीं रखना चाहिये जैसे तुम आज कल रखते हो।

यहोवा ने यह भी कहा: “इस्राएल के अविश्वासी लोगों, तुम मेरे पास लौट आओ। मेरे पास लौटो, और मैं तुम्हारे अविश्वासी होने के अपराध को क्षमा करूँगा।” लोगों को कहना चाहिये, “हाँ, हम लोग तेरे पास आएँगे तू हमारा परमेश्वर यहोवा है।

शायद वे लोग यहोवा से सहायता की याचना करें। कदाचित् हर एक व्यक्ति बुरा काम करना छोड़ दे। यहोवा ने यह घोषित कर दिया है कि वह उन लोगों पर बहुत क्रोधित है।”

यह सन्देश यहोवा का है। “इस्राएल, यदि तुम लौट आना चाहो, तो मेरे पास आओ। अपनी देव मूर्तियों को फेंको। मुझसे दूर न भटको।

यदि तुम वे काम करोगे तो प्रतिज्ञा करने के लिये मेरे नाम का उपयोग करने योग्य बनोगे, तुम यह कहने योग्य होगे, ‘जैसा कि यहोवा शाश्वत है।’ तुम इन शब्दों का उपयोग सच्चे, ईमानदारी भरे और सही तरीके से करने योग्य बनोगे। यदि तुम ऐसा करोगे तो राष्ट्र यहोवा द्वारा वरदान पाएगा और वे यहोवा द्वारा किये गए कामों को गर्व से बखान करेंगे।”

“तुम्हें उनसे कहना चाहिए, ‘मेरा स्वामी यहोवा कहता है: मैं अपनी जीवन की शपथ खाकर विश्वास दिलाता हूँ कि मैं लोगों को मरता देख कर आनन्दित नहीं होता, पापी व्यक्तियों को भी नहीं। मैं नहीं चाहता कि वे मरें। मैं उन पापी व्यक्तियों को अपने पास लौटाना चाहता हूँ। मैं चाहता हूँ कि वे अपने जीवन को बदलें जिससे वे जीवित रह सकें। अत: मेरे पास लौटो! बुरे काम करना छोड़ो! इस्राएल के परिवार, तुम्हें मरना ही क्यों चाहिए?’

फिर मैं अपने स्वामी परमेश्वर की ओर मुड़ा और उससे प्रार्थना करते हुए सहायता की याचना की। मैंने भोजन करना छोड़ दिया और ऐसे कपड़े पहन लिये जिनसे यह लगे कि मैं दु:खी हूँ। मैंने अपने सिर पर धूल डाल ली।

सो अपने परमेश्वर की ओर लौट आओ। उसके प्रति सच्चे बनो। उचित कर्म करो! अपने परमेश्वर पर सद भरोसा रखो!

“याकूब एक सचमुच का व्यापारी है। वह अपने मित्रों तक को छलता है! उसकी तराजू तक झूठी है।

हे इस्राएल, तेरा पतन हुआ और तूने परमेश्वार के विरूद्ध पाप किया। इसलिये अब तू अपने परमेश्वार यहोवा की ओर लौट आ।

आओ, हम यहोवा के पास लौट आयें। उसने आघात दिये थे वही हमें चंगा करेगा। उसने हमें आघात दिये थे वही उन पर मरहम भी लगायेगा।

हे याजकों, शोक वस्त्र धारण करो, जोर से विलाप करो। हे वेदी के सेवकों, जोर से विलाप करो। हे मेरे परमेश्वर के दासों, अपने शोक वस्त्रों में तुम सो जाओगा। क्योंकि अब वहाँ अन्न और पेय भेंट परमेश्वर के मन्दिर में नहीं होंगी।

वे सर्वशक्तिमान यहोवा के मंदिर में नबियों और याजकों के पास गए। उन लोगों ने ने उनसे यह प्रश्न पूछा: “हम ने कई वर्ष तक मंदिर के ध्वस्त होने का शोक मनाया है। हर वर्ष के पाँचवें महीने में, रोने और उपवास रखने का हम लोगों का विशेष समय रहा हैं। क्या हमें इसे करते रहना चाहिये?”

“याजकों और इस देश के अन्य लोगों से यह कहो: जो उपवास और शोक पिछले सत्तर वर्ष से वर्ष के पाँचवें और सातवें महीने में तुम करते आ रहे हो, क्या वह उपवास, सच ही, मेरे लिये थानहीं!

“याजकों, तुम्हें यहोवा से हमारे लिए अच्छा बने रहने की प्रार्थना करनी चाहिये। किन्तु वह तुम्हारी नहीं सुनेगा और यह सारा दोष तुम्हारा है।” सर्वशक्तिमान यहोवा ने यह सब कहा।

बल्कि उसके विपरीत मैं पहले उन्हें दमिश्क में, फिर यरूशलेम में और यहूदिया के समूचे क्षेत्र में और ग़ैर यहूदियों को भी उपदेश देता रहा कि मनफिराव के, परमेश्वर की ओर मुड़े और मनफिराव के योग्य काम करें।

स्वर्गदूत इस्राएल के लोगों को यहोवा का सन्देश जब दे चुका, तब लोग जोर से रो पड़े।

तब इस्राएल के सभी लोग बेतेल नगर तक गए। उस स्थान पर वे बैठे और यहोवा को रोकर पुकारा। उन्होंने पूरे दिन शाम तक कुछ नहीं खाया। वे होमबलि और मेलबलि भी यहोवा के लिये लाए।

शमूएल ने इस्राएल के लोगों से कहा, “यदि तुम सचमुच यहोवा के पास सच्चे हृदय से लौट रहे हो तो तुम्हें विदेशी देवताओं को फेंक देना चाहिये। तुम्हें अश्तोरेत की मूर्तियों को फेंक देना चाहिये और तुम्हें पूरी तरह यहोवा को अपना समर्पण करना चाहिये! तुम्हें केवल यहोवा की ही सेवा करनी चाहिये। तब यहोवा तुम्हें पलिश्तियों से बचायेगा।”

इस्राएली मिस्पा में एक साथ इकट्ठे हुए। वे जल लाये और यहोवा के सामने वह जल चढ़ाया। इस प्रकार उन्होंने उपवास का समय आरम्भ किया। उन्होने उस दिन भोजन नहीं किया और उन्होंने अपने पापों को स्वीकार किया। उन्होंने कहा, “हम लोगों ने यहोवा के विरूद्ध पाप किया है।” इस प्रकार शमूएल ने मिस्पा में इस्राएल के न्यायाधीश के रूप में काम किया।




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