देखो, विशाल शक्तिशाली लोग मेरे देश पर आक्रमण करने को आ रहे हैं। उनके साथ अनगिनत सैनिक हैं। वे “टिड्डे” (शत्रु के सैनिक) तुम्हें फाड़ डालने में समर्थ होंगे! उनके दाँत सिंह के दाँतों जैसे हैं।
ऐसे भी होते हैं जिनके दाँत कटार हैं और जिनके जबड़ों में खंजर जड़े रहते हैं जिससे वे इस धरती के गरीबों को हड़प जायें, और जो मानवों में से अभावग्रस्त हैं उनको वे निगल लें।
मेरे लोगों की धरती के लिये विलाप करो। विलाप करो, क्योंकि वहाँ बस काँटे और खरपतवार ही उगा करेंगे। विलाप करो इस नगर के लिये और उन सब भवनों के लिये जो कभी आनन्द से भरे हुए थे।
जो पानी उस नदी से उफन कर निकलेगा, वह यहूदा में भर जायेगा और यहूदा को प्राय: डुबो डालेगा। इम्मानूएल, यह बाढ़ तब तक फैलती चली जायेगी जब तक वह तुम्हारे समूचे देश को ही न डुबो डाले।
मुझ यहोवा ने अपनी सशक्त सेना तुम्हारे विरोध में भेजी थी। वे भिन्नाती हुई टिड्डियाँ, फुदकती हुई टिड्डियाँ, विनाशकारी टिड्डियाँ और कुतरती टिड्डियाँ तुम्हारी वस्तुएँ खा गयी। किन्तु मैं, यहोवा उन विपत्तियों के वर्षों के बदले में फिर से तुम्हें और वर्षा दूँगा।