अंगूर की बेलें सूख गयी हैं और अंजीर के पेड़ मुरझा रहे हैं। अनार के पेड़ खजूर के पेड़ और सेब के पेड़—बगीचे के ये सभी पेड़ सूख गये हैं। लोगों के बीच में प्रसन्नता मर गयी है।
मेरे प्रिय, अन्य युवकों के बीच तुम ऐसे लगते हो जैसे जंगल के पेड़ों में कोई सेब का पेड़! मुझे अपने प्रियतम की छाया में बैठना अच्छा लगता है; उसका फल मुझे खाने में अति मीठा लगता है।
अंगूर के बगीचे में आनन्द नहीं होगा और न ही वहाँ गीत गाये जायेंगे। मैं कटनी के समय की सारी खुशी समाप्त कर दूँगा। दाखमधु बनने के लिये अंगूर तो तैयार है, किन्तु वे सब नष्ट हो जायेंगे।
हे परमेश्वर! तू इस जाति की बढ़ौतरी कर। तू लोगों को खुशहाल बना। ये लोग तुझे अपनी प्रसन्नता दर्शायेंगे। यह प्रसन्नता वैसी ही होगी जैसी कटनी के समय पर होती है। यह प्रसन्नता वैसी ही होगी जैसी युद्ध में जीतने के बाद लोग जब विजय की वस्तुओं को आपस में बाँटते हैं, तब उन्हें होती है।
मोआब के विशाल अंगूर के बागों से सुख और आनन्द विदा हो गये। मैंने दाखमधु निष्कासकों से दाखमधु का बहना रोक दिया है। अब दाखमधु बनाने के लिये अंगूरों पर चलने वालों के नृत्य गीत नहीं रह गए हैं। खुशी का शोर गुल सभी समाप्त हो गया है।
क्या बीज अब भी भण्डार—गृह में है क्या अंगूर की बेलें, अंजीर के वृक्ष, अनार और जैतून के वृक्ष अब तक फल नहीं दे रहे हैं नहीं! किन्तु आज के दिन से, आगे के लिये मैं तुम्हें आशीर्वाद दूँगा।”
तब वे लोग एश्कोल की घाटी में आये उन व्यक्तियो ने अंगूर की बेल की एक शाखा काटी। उस शाखा में अंगूर का एक गुच्छा था। लोगों में से दो व्यक्ति अपने बीच एक डंडे पर उसे रख कर लाए। वे कुछ अनार ओर अंजीर भी लाए।