उन्होंने यह नहीं पूछ लिया, “क्या यही तुम्हारा पुत्र है जिसके बारे में तुम कहते हो कि वह अंधा था। फिर यह कैसे हो सकता है कि वह अब देख सकता है?”
यहूदी नेताओं ने उस समय तक उस पर विश्वास नहीं किया कि वह व्यक्ति अंधा था और उसे आँखों की ज्योति मिल गयी है। जब तक उसके माता-पिता को बुलाकर
इस पर उसके माता पिता ने उत्तर देते हुए कहा, “हम जानते हैं कि यह हमारा पुत्र है और यह अंधा जन्मा था।
लोगों ने पहचान लिया कि यह तो वही है जो मन्दिर के सुन्दर द्वार पर बैठ कर भीख माँगता था। उसके साथ जो कुछ घटा था उस पर वे आश्चर्य और विस्मय से भर उठे।
और क्योंकि वे उस व्यक्ति को जो चंगा हुआ था, उन ही के साथ खड़ा देख पा रहे थे सो उनके पास कहने को कुछ नहीं रहा।